देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता

 देवनागरी लिपि   की वैज्ञानिकता

                        

                                      डॉ. साधना गुप्ता


 देवनागरी लिपि रोमन एवं फारसी लिपि की तुलना में अधिक वैज्ञानिक है। इस लिपि में गुण अधिक   हैं   और  दोष  न्यूनतम्   हैं।   इसकी वैज्ञानिकता के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं -

 वर्ण विभाजन में वैज्ञानिकता -

 हिंदी की देवनागरी लिपि में कुल 52 वर्ण हैं।

हिन्दी वर्णमाला के समस्त वर्णों को व्याकरण में दो भागों में विभक्त किया गया है- स्वर और व्यंजन।

 वर्णमाला -

 स्वर - 11

अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, 

अनुस्वार - 1

               अं

विसर्ग - 1

               अ: 

व्यंजन - 

 कंठ -         क, ख, ग, घ, ङ ।।  -5

तालव्य -      च, छ, ज, झ, ञ,     -5

मूर्धन्य -        ट, ठ, ड, ढ, ण,       -5

दन्त्य -         त, थ, द, ध, न        -5

ओष्ठ्य -       प, फ, ब, भ, म      -5

अन्तः स्थ -     य, र, ल, व           -4 

ऊष्म -          श, ष, स, ह           -4 

संयुक्त व्यंजन - क्ष, त्र, ज्ञ, श्र        -4 

 द्विगुण व्यंजन - ड़, ढ़                -2

स्वर - जिन ध्वनियों के उच्चारण में किसी अन्य ध्वनि की सहायता नहीं ली जाती है  वह वर्ण स्वर कहलाता है। इसमें वायु मुख विवर में बिना अवरोध के बाहर निकलती है।

  व्यंजन -  जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरों की सहायता ली जाती है।अर्थात् व्यंजन वह ध्वनि है जिसके उच्चारण में भीतर से आने वाली वायु मुख विवर में कहीं ना कहीं किसी न किसी रूप में बाधित अवश्य होती है।

2.  देवनागरी लिपि ध्वन्यात्मक लिपि न होकर अक्षरात्मक या वर्णनात्मक लिपि है।

3.समग्रता - देवनागरी लिपि में समग्र ध्वनियों को अंकित करने की क्षमता है। रोमन लिपि में एवं दोनों के लिए एक ही वर्ण है जबकि देवनागरी लिपि में इसके लिए अलग-अलग वर्ण चिह्न  हैं।

4.  उच्चारण एवं लेखन में एकरूपता - यहां जो लिखा जाता है वही बोला जाता है। देवनागरी लिपि में अनुच्चरित(Silent) अक्षर नहीं होते, किंतु रोमन लिपि में कुछ शब्दों में Silent  वर्ण होते हैं जो लिखे तो जाते हैं किंतु बोले नहीं जाते -

Knife में  K  नाइफ बोला जाता है

Knowledge में K, W, D  नॉलेज बोला जाता है।

 देवनागरी लिपि में लेखन एवं उच्चारण में एकरूपता है। यह इसकी वैज्ञानिकता को पुष्ट करता है ।

5. नियतता -   देवनागरी लिपि में प्रत्येक   ध्वनि के लिए एक चिह्न नियत है जिससे लिखने में गलती नहीं होती, जबकि रोमन लिपि में एक ध्वनि को लिखने के लिए कई विकल्प हैं इसलिए वहां वर्तनी की  गलतियां होती है।यथा-

 देवनागरी में क ध्वनि को लिखने के लिए केवल एक वर्ण है - क 

जबकि  रोमन लिपि में यह कई तरह से लिखा जाता है -

C  -  Cat   कैट

K -   King  किंग

Q - Queen क्वीन

Ch - Chemistry कैमिस्ट्री

6. निश्चितता - देवनागरी लिपि में प्रत्येक वर्ण का निश्चित उच्चारण है यह उच्चारण सदैव एक सा रहता है कभी परिवर्तित नहीं होता है किंतु रोमन लिपि में एक ही वर्ण अलग-अलग शब्दों में प्रयुक्त होने पर अलग-अलग उच्चारण देता है- 

 But में U ध्वनि अ का उच्चारण देती  है।

 Put में U ध्वनि उ का उच्चारण देती है

अतः निश्चित उच्चारण के कारण भी देवनागरी लिपि वैज्ञानिक सिद्ध होती है।


7. स्पष्टता - दो वर्णों में परस्पर साम्य के कारण अस्पष्टता का अभाव भी वैज्ञानिक लिपि की विशेषता होती है। देवनागरी लिपि में  वर्णों की यह  अस्पष्टता नहीं है अतः यह वैज्ञानिक लिपि है।


8. कम खर्चीली - मात्राओं के कारण देवनागरी लिपि अन्य लिपियों की तुलना में कम स्थान घेरती है।अतः कम खर्चीली भी है - 

        स्कूल       -     School

        चन्द्रिका     -     Chandrika


9. सरल, कलात्मक एवं सुंदर - देवनागरी लिपि  सरल, कलात्मक एवं सुंदर है। इसमें व्यंजन संयोग के नियम सरल है। अतः वर्तनी की भूलों की संभावना कम रहती है।

अतः देवनागरी लिपि अधिक वैज्ञानिक लिपि है।


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